हिमाचल का प्राकृतिक भू-भाग-1

बाह्रा हिमाचल और शिवालिक श्रेणी
बाह्रा हिमाचल या शिवालिक श्रेणी में निम्न पहाड़ियां आती है ये पहाड़ियां समुद्रतल से 600 मीटर ऊँची है | इन् पहाड़ियों की चट्टानें बहुत ही कमजोर है जो बहुत आसानी से कटाव का शिकार हो जाती है|

कटावों के परिणामस्वरूप जंगल नष्ट हुए है और मिटटी के कटाव की दर बहुत अधिक है | इन कटावों के कारण “चोस ” का निर्माण होता है जो विनाशकारी होता है और नीचे के मैदानी इलाकों में रेत के भूखंडों के ढेर लगता रहता है |
बाह्रा हिमालय या शिवालिक श्रेणी वाले भाग में औसत वार्षिक वर्ष लगभग 1500 मिलीमीटर से २००० मिलीमीटर के बीच दर्ज की जाती है |

यह क्षेत्र भूमि की उपज की मात्रा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है | इस क्षेत्र में रसीले फल, खरीफ फसल धान, नकदी फसल गन्ना और आलू तथा तम्बाकू ख़ास तौर पर उत्पादित होते है |
हिमाचल प्रदेश में 7 जिले काँगड़ा, हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर, मंडी, सोलन तथा सिरमौर बाह्रा हिमाचल या शिवालिक श्रेणी के अंतर्गत ही आते है |

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