हिमाचल का प्राकृतिक भू-भाग-3

उच्च हिमालय या जस्कर क्षेत्र |

5000 मीटर से 6000 मीटर की ऊंचाई वाली उच्च हिमालय पर्वत श्रेणी पूर्वी सीमा के साथ- साथ विस्तृत है और सतलुज नदी इसे विभाजित करती है |
यह पर्वत श्रेणी स्पीति नदी के जल निकास को व्यास नदी के रास्ते से अलग करती है |
5248 मीटर की ऊंचाई पर स्थित काँगड़ा 4512 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बड़ा लाचा 5548 मीटर की ऊंचाई पर स्थित परांग और 4802 मीटर ऊंचाई पर स्थित पीन पर्वती उच्च हिमालय श्रेणी के कुछ प्रमुख दर्रे है |
जस्कर श्रेणी सुदूर पूर्व में है और किन्नौर तथा स्पीति को तिब्बत से अलग करती है | इस श्रेणी में 6500 मीटर ऊँची चोटियां भी है |
7026 मीटर ऊंचाई पर अवस्थित शिल्ला और 6791 मीटर ऊंचाई पर स्थित रिवो फग्यूरल चोटियां भी जस्कर श्रेणी में ही आती है | जस्कर पर्वत श्रेणी को भी सतलुज नदी ही काटती है |
जस्कर और उच्च हिमालय क्षेत्र में अनेक हिमनद पाए जाते है | हिमनद को हिमालय की स्थानीय भाषा में “शिंगड़ी” कहते है | तापमान की अत्यधिक न्यूनता के कारण यहाँ वर्षा बहुत ही कम होती है |
यहाँ वर्ष भर बर्फ जमी रहती है | यहाँ जलवायु ग्रीष्मकाल में ठंडी और गर्मी का मिश्रण तथा शीतकाल में ध्रुवीय (शीतपूर्ण ) होती है |
इस क्षेत्र की जलवायु तथा मिटटी शुष्क फलों के उत्पादन के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है | हिमाचल प्रदेश के तीन जिले इस क्षेत्र में आते है – चम्बा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति |

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