॰ जून, 1939 को शिमला पहाड़ी राज्यों के लोगो के प्रतिनिधियो की शिमला में एक सभा हुई जिसमे राजाओं और राणाओं की गुप्त गतिविधियों को प्रकाश में लाया गया |
॰ लुधियाना सम्मेलन से प्रभावित होकर शिमला की पहाड़ी रियासतों की विभिन्न संस्थाओं ने एक सयुक्त संस्था बना कर उनका नाम शिमला हिल स्टेटस रियासती प्रजा मंडल रखा |
॰ इस संस्था की स्थापना में बुशहर के पंडित पदम् देव और जुब्बल के भागमल सौंठा का विशेष योगदान रहा |
॰ जून, 1939 ई. में पंडित पदम्देव तो शिमला से आर्य समाज का जत्था लेकर हैदराबाद चले गए और शिमला की पहाड़ी रियासतों में प्रजामण्डल के प्रचार और प्रसार का काम भागमल सौंठा ने सक्रीय रूप से आगे बढ़ाया |
॰ जुलाई , 1939 ई. में शिमला की पहाड़ी रियासतों में प्रजा मंडल संगठन की स्थापना का अभियान चलाया गया |
॰ इसके पश्चात वे शिमला से कार्यक्रम निश्चित कर 8 जुलाई, 1939 ई. कुनिहार रियासत गए |
॰ 9 , जुलाई 1939 को कुनिहार रियासत के दरबार भवन में कुनिहार के राणा हरदेव सिंह के सभापतित्व में ‘ कुनिहार प्रजामण्डल ‘ की विधिवत स्थापना कर दी |